Jammu and Kashmir Pahalgam Terror Attack: पीएम मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़ा।

परिचय
जम्मू-कश्मीर की वादियों में एक बार फिर गोलियों की गूंज सुनाई दी। लेकिन इस बार मामला कुछ और ही था। मंगलवार को पहलगाम के पास स्थित सुंदर बायसरण घाटी में जब सैकड़ों पर्यटक प्रकृति के बीच सुकून तलाश रहे थे, तभी आतंकवाद ने वहाँ दहशत फैला दी। इस बर्बर हमले में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों घायल हैं। यह घटना न केवल जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आतंकवाद अभी भी हमारे देश की शांति को चुनौती दे रहा है।
क्या हुआ पहलगाम में?
बायसरण घाटी – जो कभी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहलाती थी
बायसरण घाटी, जो पहलगाम से लगभग 5 किमी की दूरी पर है, अक्सर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहाँ सिर्फ घोड़े या पैदल यात्रा करके पहुँचा जा सकता है, जो इस क्षेत्र को विशेष बनाता है। लेकिन मंगलवार को, इस घाटी ने अपने इतिहास का सबसे भयानक दिन देखा।
आतंकियों ने किया घात लगाकर हमला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पर्यटक अपनी फैमिली के साथ टट्टुओं पर सवार होकर घाटी के अंदर गहराई में जा रहे थे। तभी एकाएक जंगलों से गोलियों की बौछार शुरू हो गई। स्थानीय लोगों और गाइड्स ने जैसे-तैसे लोगों को चट्टानों और झाड़ियों की आड़ में छुपाया।
26 निर्दोष जानें गईं
मरने वालों में अधिकतर पर्यटक थे
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 15 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं। ये सभी पर्यटक थे, जो देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों से।
12 घायलों को पहलगाम अस्पताल में भर्ती कराया गया
घायलों को सेना और स्थानीय लोगों की मदद से नीचे लाया गया। हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें पहलगाम अस्पताल पहुँचाया गया, जहां सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
राहत और बचाव कार्य
कठिन भौगोलिक परिस्थिति बनी चुनौती
बायसरण की उंचाई और घने जंगल राहत कार्य में बड़ी बाधा बने। सड़क मार्ग न होने के कारण सेना को हेलीकॉप्टर और खच्चरों का सहारा लेना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने दिखाई बहादुरी
स्थानीय गाइड्स, टट्टू मालिक और ग्रामीणों ने अपने जान की परवाह किए बिना घायलों को पीठ पर लादकर नीचे लाया। यह एक उदाहरण है मानवीय साहस और संवेदनशीलता का।
प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया
सऊदी दौरा छोड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त सऊदी अरब में थे, जहां वे रणनीतिक वार्ताओं के लिए गए थे। घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने अपनी यात्रा को बीच में रोकने का फैसला किया।
गृहमंत्री अमित शाह और J&K के सीएम से संवाद
PM मोदी ने तुरंत गृहमंत्री अमित शाह से बात की और स्थिति का जायजा लिया। अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर के स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश जारी किए।
पीएम मोदी का आधिकारिक बयान
“मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है। घायल जल्द स्वस्थ हों – यही मेरी प्रार्थना है।”
“इस कायराना हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हमारा संकल्प आतंक के विरुद्ध और मज़बूत होगा।”
सुरक्षा व्यवस्था और जवाबी कार्रवाई
हाई-लेवल बैठकें और निर्देश
हमले के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सेना प्रमुख और IB के उच्चाधिकारी हरकत में आए। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जवाबी कार्रवाई में कोई ढील न बरती जाए।
इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू
आसपास के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सुरक्षाबलों ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने जताई सहानुभूति
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर लिखा:
“Deeply disturbing news out of Kashmir. The United States stands strong with India against Terrorism. PM Modi and the people of India have our full support.”
अन्य देशों की निंदा
ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों ने हमले की निंदा की और भारत के साथ अपनी एकजुटता जताई।
भारत के टूरिज्म सेक्टर पर असर
इस हमले ने एक बार फिर देश के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया है। खासकर जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों में जो शांति की ओर बढ़ रहे थे, अब वहां के पर्यटन व्यवसाय पर संकट आ गया है।
कश्मीर में आतंकवाद का इतिहास
1989 से लेकर अब तक कश्मीर में हज़ारों आतंकवादी हमले हुए हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में वहां शांति बहाल होने लगी थी। यह हमला उन प्रयासों को पीछे खींचने की कोशिश है।
भारत की Counter-Terrorism रणनीति
भारत पिछले कुछ वर्षों से आतंकवाद के खिलाफ “zero tolerance policy” अपना रहा है। Surgical Strike, Balakot Air Strike जैसी कार्रवाइयाँ भारत के सख्त रवैये का सबूत हैं।
जनता और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
देशभर से लोग #JusticeForPahalgamVictims और #StandWithKashmir ट्रेंड करवा रहे हैं। लोग दुख, गुस्सा और एकजुटता ज़ाहिर कर रहे हैं।
निष्कर्ष
यह हमला एक चेतावनी है कि आतंक का खतरा अभी टला नहीं है। भारत को एकजुट होकर इसका मुकाबला करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी का रुख साफ है – न्याय मिलेगा और आतंकियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
FAQs
1. पहलगाम हमले में कितने लोग मारे गए?
26 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
2. घायलों की क्या स्थिति है?
12 लोग घायल हुए हैं और सभी को अस्पताल में इलाज मिल रहा है। उनकी हालत स्थिर है।
3. प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कदम उठाए?
उन्होंने अपनी सऊदी यात्रा बीच में रोक दी और सभी आवश्यक सुरक्षा निर्देश दिए।
4. क्या पर्यटन पर इसका असर होगा?
जी हां, इस हमले से जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका लग सकता है।